राज आचार्य द्वारा निर्देशित और आशुतोष राणा और विजय राज के दमदार अभिनय से सजी, मर्डर इन माहिम, माहिम रेलवे स्टेशन पर हुई परेशान कर देने वाली हत्याओं पर आधारित है।

'मर्डर इन माहिम' LGBTQ से जुड़े पारिवारिक रिश्तों की जटिलताओं की भी पड़ताल करती है। खासकर एक पिता और उसके बेटे के रिश्‍ते पर.

सीरीज के अध‍िकतर एपिसोड करीब 40 मिनट लंबे हैं और अच्‍छी बात यह है कि स्‍क्रीनप्‍ले की रफ्तार कहीं कम नहीं होती है।

सीरीज में कई ऐसे मौके हैं, जब आप रोमांच से भर जाते हैं। कहानी के साथ-साथ आप भी बतौर दर्शक इंसान के स्वभाव और समाज की असलियत की खोज में शामिल हो जाते हैं।

विजय राज और शिवाजी साटम के किरदार के रूप में एक मिडिल क्‍लास फैमिली के बाप-बेटे के रिश्‍ते को दिखाया गया है। दोनों ने इसमें जान फूंक दी है।

आशुतोष राणा का किरदार भी बाप-बेटे के रिश्‍ते को नया आयाम देता है। ये चारों किरदार ऐसे गढ़े गए हैं, जो हमें अपने से लगते हैं। जैसे यह हमारे आस-पास ही हो रहा है।

मर्डर इन माहिम' वेब सीरीज की अपनी खामियां भी हैं। सीरीज में एक चाकू पर बार-बार फोकस किया जाता है, जिसका हो रही हत्‍याओं से कोई लेना-देना नहीं है।

यह मानवीय रिश्तों की पड़ताल करती है। कुल मिलाकर, 'मर्डर इन माहिम' एक ऐसी वेब सीरीज है, जिसे आप जरूर देखना चाहेंगे।